Saturday 14 February 2015

तिन खास सीख

तिन खास सीख

एक राजा ने अपने तीनो बेटो को बुलाया और कहा – हमारे राज्य में कोई नाशपति का पेड़ नहीं है | तुम लोग चार –चार माह के अन्तराल पर जाओ और इस पेड़ के बारे में पूरी जानकारी लेकर आओ |  तीनो राजकुमार चार – चार माह के अंतर पर चले गए | जब तीनो लोट आये तो राजा ने उन्हें दरबार में बुलाकर नाशपति के पेड़ का वर्णन करने को कहा |
पहला राजकुमार बोला – पिताजी, वह पेड़ एकदम टेढ़ा - मेढ़ा और सुखा हुआ था | तभी दूसरा राजकुमार बोला – नहीं – नहीं, वह बिलकुल हरा - भरा था | कमी बस सिर्फ इतनी थी की उस पर कोई फल नहीं लगा था | तीसरा राजकुमार बोला - भैया लगता है आप कोइ गलत पेड़ देख आये है क्योकि मेने देखा की नाशपति का पेड़ फलो से लदा पड़ा था | तब राजा ने कहा – तुम तीनो सही कह रहे हो | दरअसल तुम अलग - अलग मोसमो में इस पेड़ को देखकर आये हो, इसलिए इसकी अलग – अलग पहचान बता रहे हो | इसमें तिन बाते छिपी है – पहली, किसी चीज की पूरी जानकारी चाहिये तो उसे लम्बे समय तक देखो, दूसरी, जब हर मोसम एक जैसा नहीं रहता तो हर वक़्त भी एक जैसा नहीं रहता, धेर्य रखे | तीसरी यह की अपनी बात पर अड़े मत रहो, खुले दिमाग से दुसरो की बात भी सुनो |


मंत्र : जरुरी नहीं जो चीजे आज ख़राब है, वे कल भी ख़राब ही होगी |

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